Banjarapan pahle cahat thi , fir shauk bani, aur ab aadat.
Peeche chut jane
(डर लगता है , कुछ लोग शायद अपने ज़िद्द की वजह से खेलने न लग जाएँ )
- जल्दी भी बहुत है और जाना भी कहीँ नहीं ।
- कुछ इस तरह जाना मैंने ज़िंदगी को जैसे ये मेरा ख्याल हो ।
- उस जगह पर खोने का क्या मज़ा जहाँ आपको सब मिल जाये । चलो वहां चलते हैं जहाँ ढूंढने के लिए कुछ हो ।
- सोचा पेड़ लगा दूँ हर जगह , फिर ख्याल आया पैसे क्या पेड़ पे उगते हैं |
- एक नज़र मेरी भी ले जाओ , शायद तन्हाई मैं काम आ जाये ।
- अपने बीच की शिकायत को दूर करने के लिए अक्सर हम किसी तीसरे को निशाना बनाते हैं उसमें से हालत भी एक है।
- कभी- कभी लेने और देने के चक्कर मैं हमें लेने - देने भी पड़ जाते हैं ।
- अगर आप गन्दगी साफ नहीं कर सकते तो जूते पहन लीजिए।
(डर लगता है , कुछ लोग शायद अपने ज़िद्द की वजह से खेलने न लग जाएँ )
- दुनिया विश्वास पर ही कायम है भले ही वो अंधविश्वास ही क्यों
- भ्रष्टाचार मिटाना आसान है पर उसके लिए आपको भ्रस्ट आचार करना छोड़ना होगा ।
- लक्ष्मी उसके पास आती है जिसके पास लक्ष्मी होती है बाकी तो सिर्फ दीया जलाते हैं ।
- On the road of being Good. You can sense bad of others, instead of that you treat them well. Finally, you become better.
- Ideal people on ideal time at ideal place can set ideology.
- Almost everything create a loop. It's always like day and night.
- When you continuously suppress your feelings, either it will die or explode(condition apply).
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